Domestic Violence घरेलू हिंसा . . . बिखरे हुए थे बाल उसके काजल में फिर आज कालिका छाई थी हैं लाल बहुत ही आंखें उसकी क्या रात उसने फिर मार खाई...
तुम थोड़ी सी हिम्मत कर लो . . . माना अभी दुख है, उदासी है , परेशानी छाई है तुम थोड़ी सी हिम्मत कर लो ये वक्त भी कल गुज़र ही जाएगा घिर आया अ...
नारी तू नारायणी . . . नारी तू नारायणी, नारी तू नारायणी आज नहीं, कल से नहीं, आदिकाल से तारिणी नारी तू नारायणी, नारी तू नारायणी सृष्टि की र...
आस्था . . . मन में ख़ुशियाँ भर देती है आस्था निर्मल , शीतल कर देती है आस्था मुसीबत में हिम्मत देती है आस्था ये आस्था ही है, जो मृत्यु ...
मानव मुल्य . . . एक एक करते गए भरते गए भंडार मन ना शीतल कर पाए पाया धन अपार पाया धन अपार जो पड़ा रहा बेकार पाते जो केवल निर्मल मन ओर श...
मधुर वाणी . . . बात ये है जानी मानी सबको आकर्षित करती है मधुर वाणी कहती थी मुझसे ये मेरी नानी बेटी सदा ही रखना अपनी मधुर वाणी बाक़ी सब...
शिष्टाचार . . . सुबह सवेरे जल्दी उठना उठकर प्रभु का स्मरण करना बड़ों के चरणो में नित्य प्रणाम यही कहलाता शिष्टाचार विदयालय को मंदिर मान...
हँसी . . . हँसी है एक ऐसा धन जिसका हो नहीं सकता वर्णन हँसी में है एक ताक़त जैसी तन में ज़ो भर दे स्फूर्ति हँसी है जैसे निर्मल पानी हँसी ...
संस्कार . . . केसा है यह संसार केसे पायें एसका आधार उतार ना सकेंगे हम कभी एस संसार का उपकार जिसमें जन्म ले पाया हमने जीवन जीने का संस्...
अनुशासन . . . अनुशासन है ऐसा हथियार जिसकी सबसे तेज है धार अनुशासन को जो अपनाता उसकी होती नैया पार नहीं है रुकता काम कोई फिर ख़ुशीयाँ म...
मन में रहती है हमेशा सबके छुपी कोई एक आकाँशा अपनी अपनी उम्र के अनुसार हम केवल ओर केवल पाना चाहे सबका प्यार कुछ ऐसे भी है जिन्हें चाहिए बस...
समय बहुत बलवान रे भाई . . . समय बहुत बलवान समय के आगे चल ना सके ताक़त पैसा , ईंसान रे भाई समय बडा बलवान समय का करिए मान रे भाई समय से...
संघर्ष ओर विजय क़ी कहानी . . . मिट्टी ने पूछा आज कलश से तू भी मुझसे ही बना है ना क्यूँ तू सर पर मैं पेरो में क्यूँ तू अमूल्य मैं मू...
है पंख नहीं मेरे, मैं आसमान में उड़ती हूँ! है पंख नहीं मेरे लेकिन मै आसमान में उड़ती हूँ माना काली है रात बहुत मै ख्याब सुनहरे बुनती ह...
लॉकडॉउन तूझे सलाम! लॉकडॉउन तूझे सलाम, तूने हमें जीना सीखा दिया हवा में उड़ रहे थे हम, तूने ज़मीन पे चलना सीखा दिया स्वार्थ, अकेलेपन ...
हिम्मत . . . डरना नहीं , तुम झुकना नहीं दुखो से कभी घबराना नहीं तुम हो ईश्वर क़ी परम कृती बस आगे बड़ते ही जाना माना अभी दुःख क़ी बदली ह...
देश प्रेम . . . एक युवा क़ी आँखो मे मैंने फिर मौत क़ा जज़्बा देखा है फिर देश प्रेम पे मिटने खातीर उस ज़ोश का रुतबा देखा है बचपन से ख...
हाँ मैं बिहार हुँ . . . विद्यापति जी क़ी वाणी हूँ मै महादेव को जिसने जीत लिया कैलास त्याग एस भूमी पर रहने को शिव को विवश किया उस कलम ...
हाँ मैं बिहार हुँ . . . चढते सूरज को पूजे संसार मैं डलते रवि को नमन करूँ मैं साफ़ ओर सुंदर घाट बना सब रोग क्लेश को दूर करूँ मान, सम्मा...
हाँ मैं बिहार हुँ . . . कोई कहे अल्लाह बड़े, कोई कहे श्री राम कोई कहे ईसा सही, कोई कहे सतनाम धर्म सभी है एक से, कोई ना उनमे भेद गंगा...