हाँ मैं बिहार हुँ . . .

कोई कहे अल्लाह बड़े, कोई कहे श्री राम
कोई कहे ईसा सही, कोई कहे सतनाम
धर्म सभी है एक से, कोई ना उनमे भेद
गंगा जमुनी संस्कृती जहाँ करती ईनमे खेद


मानव मुल्य क़ा मान जहाँ
सब धर्मों का सम्मान हुँ
मै भजन हुँ राम के मंदिर क़ी
ओर मस्जिद क़ी मैं अज़ान हुँ
हाँ मैं बिहार हुँ


स्वादीशट नमकीन मैं लिट्ठी चोखा
होली में बनता अद्दभुत मालपुआ
ब्याह , उपनैन में बालुशाही, खाजा
व्रत , पूजा में मखाना खीर
त्योंहार में ठेकुआ, ओर पुरूकिया
मेर स्वाद से भरे ये व्यंजन
खाते ही प्रसन हो जाए अंतर्मन
हाँ मै बिहार हुँ
हाँ मैं बिहार हुँ . . . 3

Rekha Jha

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