Read A Poetry - We are Multilingual Publishing Website, Currently Publishing in Sanskrit, Hindi, English, Gujarati, Bengali, Malayalam, Marathi, Tamil, Telugu, Urdu, Punjabi and Counting . . .
विद्यापति जी क़ी वाणी हूँ मै महादेव को जिसने जीत लिया कैलास त्याग एस भूमी पर रहने को शिव को विवश किया उस कलम क़ी मै दीवानी हुँ भोलेनाथ बने चाकर जहाँ उस मिट्टी क़ी पुजारी हुँ हाँ मै बिहारी हुँ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें