अनुशासन . . .

अनुशासन है ऐसा हथियार
जिसकी सबसे तेज है धार
अनुशासन को जो अपनाता
उसकी होती नैया पार

नहीं है रुकता काम कोई फिर
ख़ुशीयाँ मिलती उसे बेशुमार
अनुशासन में रहता संसार
यही है प्रकृती का भी आधार

सूर्य सदा सवेरे उगता
चाँद हमेशा रात को जगता
नदी हमेशा बहती रहती
हवा भी चलती कभी ना रुकती

जन्म ओर मरण भी अनुशासित
बाल्य, युवा, बुढापे में मर्यादित
फिर अपनी है क्या बिसात
क्यूँ ना  चले हम एसके साथ

चले  अगर हम एसके साथ
तो फिर होगी ओर ही बात
समय से उठना समय से सोना
नियम व मर्यादा में जीना

अपनी बस सीमा में रहना
नहीं चाहिए दिल का दुखना
अनुशासन है ऐसा हथियार
जिसकी सबसे तेज है धार


Rekha Jha

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk