मधुर वाणी . . .

बात ये है जानी मानी
सबको आकर्षित करती है मधुर वाणी
कहती थी मुझसे ये मेरी नानी
बेटी सदा ही रखना अपनी मधुर वाणी

बाक़ी सब चीज़ें है आनी जानी
याद रहती है तो बस
सबको ये मधुर वाणी
मन में उतरती है जेसे अमृत पानी

शीतलता से भरी हुई
है जेसे ये मधुर वाणी
सोम्यता ओर सुंदरता में
ना उसका कोई सानी

जो सदेव बोलता है मधुर वाणी
जग में सुनाई जाती है उसकी कहानी
जो कहता ओर सुनता है
केवल ओर केवल ये मधुर वाणी

माँ सरस्वती ज़ो है
सुर संगीत व विद्या क़ी रानी
उन्हें भी भाती है ये मधुर वाणी
घाव को भरती मरहम बन जाती

रिश्तों को सँवारती है मधुर वाणी
कोयल की कूक सी है
सर्दी क़ी धूप सी है ये मधुर वाणी
सबसे बड़ा आभूषण है मधुर वाणी
एसलिये बोलो सदेव ये मधुर वाणी

Rekha Jha

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk