भीगी पलकें . . .

भीगी पलकें . . . मेरी भीगी पलकें अक्सर,,तुम्हे ढूँढती हैं कब आओगे,, शबरी के राम जैसे तुम,,, मेरे प्रियवर,,, बोलो,,,,। हर पल ,हर लम...
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नारी जल है . . . हर पात्र में ढल जाए, हर रंग में रंग रंगीन हो जाए। नारी खुशबू है हवा में घुल जाए . . .

नारी जल है ,हर पात्र में ढल जाए, हर रंग में रंग रंगीन हो जाए। नारी खुशबू है हवा में घुल जाए, महकती हर चीज में समा जाए। नारी एहसास...
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माँ . . .

माँ मेरी प्यारी देवी रूप भवसागर तारे कर सेवा मेरे वजूद को दे सार्थकता मनुजता संस्कार ,शील गुण, विद्या परम्परा की अनमोल हैं विरासत ,मिल...
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कमलहासिनी, कमलावती . . .

कमलहासिनी,कमलावती पद्मासिनि पदमा, पद्मासिनि, धनश्री,पुत्रश्री, वैभव श्री माँ, स्वर्णिल, स्वर्ण मयी,स्वर्णा माँ।। दीप्ति मान छवि,प्रदीप...
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ए माँ ,मेरी कविता . . .

 ए माँ ,मेरी कविता मुझे तुझ सी ही लगती है, तू मुझमे छुपी माँ की मूरत का ही अक्स लगती है। मेरी रूह की आवाज बन कविता गायन करती है। मेरे स...
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जीवन कर्म . . .

जीवन कर्म . . . भोर भई अब तो मनुजजागत, काहे दिन चढ़े हैसमय सोवत, कर्महीन न कछुजगत में पावत, सोवत है जो वो सफलताखोवत। स्नान ध्यान ओ अर्चन ...
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बेटियां है वरदान . . .

बेटियां है वरदान . . . बेटी सुख भरी  खान। दो घरों की है आन। बेटियां  फूल डाली। अरमानों की पाली। बेटी घर की लाज। कल ओ सुनहरा आज। बेटी द...
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रात बढ़ने लगी है . . .

रात बढ़ने लगी है रात बढ़ने लगी है।     कुमुदिनी खिलने लगी है। चकवा चकवी बिछुड़ते हैं      विरह की आग में जलते हैं। ज्यूँ रात बढ़ने लगी हैं।    म...
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दिल का दरिया . . .

दिल के भाव अनेक हैं, दिल जीवन का राग है। कभी सुख ओ कभी दुख की अनुभूति का साज है। दिल की गहराइयों में छिपे कई अनकहे राज हैं। दिल प्यार का...
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वंदेमातरम . . .

वंदेमातरम . . . महान गीत रचा गया ये। वंदेमातरम ,वंदेमातरम। बंकिमचंद्र ने लिखा ये। भारत भूमि को नमन। आजादी का प्रतीक बना ये। जन जन का...
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तुम,सिर्फ तुम . . .

तुम चाँद बन कर भी जलाते हो। चाँदनी बन मुझमें समाते हो तुम गीत बन कर सताते हो। आवाज से रूह में समाते हो तुम फूल बन मुझे महकाते हो। सु...
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प्रेम है मित्र . . .

प्रेम है मित्र अथाह,असीम हृदयतल की गहराइयों से निष्पाप,निष्कलुष स्नेह है ,,तुमसे मित्र। जिसमे वासना नहीं हवस भी नहीं कोई माँग नहीं कोई उ...
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अवगुंठन . . .

सुनो पच्चीस साल हो गए,, हमें संग रहते प्रेम से,, खुश हूँ आपको पाकर,, आप भी मुझसे खुश हो,, मगर,,कुछ राज बताना चाहती हूँ,, आपको,,बहुत अरमा...
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जय हो नारी चरित्र . . .

नारी जल है ,हर पात्र में ढल जाए, हर रंग में रंग रंगीन हो जाए। नारी खुशबू है हवा में घुल जाए, महकती हर चीज में समा जाए। नारी एहसास है भाव...
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