बेटियां है वरदान . . .

बेटी सुख भरी  खान।
दो घरों की है आन।
बेटियां  फूल डाली।
अरमानों की पाली।
बेटी घर की लाज।
कल ओ सुनहरा आज।

बेटी दिव्योपम है।
मुस्काती अनुपम है।
बेटी जीवन माला।
स्नेह अमिता प्याला।
बेटी कोहिनूर है।
माँ बाप का  नूर है।

सुख की ठंडी छाया
बरकत घर की माया
आरती पूजन धूप 
हवन मंडप नव रूप
बेटी सुखी रखोगे।
भव से पार तरोगे।

दिल न दुखाओ उसका।
कोमल मन बेटी का।
आओ संकल्प करो।
बेटी हत्या न करो।
मानवता फलती है।
जब बेटी पलती है।

घर की रौनक बेटी।
मीठी बयार बेटी।।
सुंगध सुवास बेटी।
गीत मल्हार बेटी।
बगिया हरी भरी  है।
खिलती फुलवारी है।

Neelam Vyas

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