कमलहासिनी,कमलावती
पद्मासिनि पदमा, पद्मासिनि,
धनश्री,पुत्रश्री, वैभव श्री माँ,
स्वर्णिल, स्वर्ण मयी,स्वर्णा माँ।।

दीप्ति मान छवि,प्रदीप्त आनन,
लक्ष्मी माँ बैठी सदा कमलासन,
श्री हरिप्रिया,विष्णु वल्लभा,माँ,
चरण दबावे नित विष्णु प्रिया माँ।।

धन ,पुत्र,वैभव दीजिये,
रोजगार,व्यवसाय दीजिये,
जीवन समृद्ध सुखी कीजिए
अन्नपूर्णा माँ पोषण कीजिए।।

सुख जीवन में भर दीजिये,
भरण पोषण भरपूर कीजिए,
दीनता,दरिद्रता हर लीजिए,
सौम्य ,सुंदर जीवन दीजिए।।

रोग ,शोक निवारण कीजिये,
धन धान्य ,सम्पन्नता दीजिये,
माँ विष्णु संग कृपा कीजिये
भारत आत्मनिर्भर कीजिए।।

हर घर स्वच्छ, सुखी,पावन हो।
हर मनुज कलुष, पाप मुक्त हो।
दुःख दैन्य, कुविचार से मुक्त हो।
माँ ,भारत विकसित देश हो।।।

लक्ष्मी माँ तुष्टमान मुझ पर हो।
पुत्र ,पौत्र ,धन धान्य पूर्ण हो।
शील ,संस्कारी,गुणिता नीलम हो।
दासी नीलम कलम की पूजिता हो।

Neelam Vyas

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