फिर मौसम सुहाना . . .

फिर मौसम सुहाना न रहा जब वो मिरे पास यहां न रहा हर तरफ बेबसी का आलम है मोहब्बत लायक ये समा न रहा! कैसे, क्यूं रह लेते दिल में उसके ...
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एक घंटा . . .

एक घंटा . . . (प्लेटफॉर्म पर रुकी ट्रेन) अचानक एक सी...सी.....सी..आवाज के साथ ट्रेन रुकती है किसी स्टेशन पर, अफसोस अभी हमें इस स्टेशन का...
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नेतागिरी . . .

नेतागिरी . . . नेता जी आज सुबह सुबह झोला लिए अपनी टूटी खचाडा साइकिल में चल दिए, नेता जी कहां चले, " (ऊंचे स्वर में) बस बेटा शहर जा ...
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फिर गांव याद आया . . .

शीर्षक- फिर गांव याद आया ! रेलगाड़ी से उतरते ही मैंने स्टेशन देखा। काफी कुछ बदल चुका है यहां,, वहां पर पहले एक चाय की दुकान थी, लेकिन ...
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