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दिल पे उसकी यादों का कहर बरपा रहा
मेरा प्यार एक तरफा था एक तरफा रहा!
निगाह भरके देखना भी नसीब न रहा उसे
ताउम्र उसकी राहों से मैं यूं ही गुजरता रहा

उसकी हर अदा पे मैं मरता था मरता रहा
मेरा प्यार एक तरफा था एक तरफा रहा
यूं तो कितने किस्से बुने थे साथ में हमने
ये साथ न छूटेगा, वादा किया था तुमने

बिछड़ते वक्त भी मैं बरसा था बरसा रहा
मेरा प्यार एक तरफा था एक तरफा रहा!
शायद नजर लगी इस रिश्ते को किसी की
आज रब की रज़ा में इन्तहा हुई बेबसी की

मैं तुमसे तब भी बहुत डरता था डरता रहा
मेरा प्यार एक तरफा था एक तरफा रहा!
दिल पे उसकी यादों का कहर बरपा रहा
मेरा प्यार एक तरफा था एक तरफा रहा


Anurag Maurya

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