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जगमगा जाये जग सारा लेकिन नूर नहीं था, बुलाने जाते लेकिन उसका घर दूर नहीं था! मैंने कितनी बार पुकारा उस ज़ालिम को आया न वो लेकिन इतना मजबूर नहीं था! इस बार बेवफाई का इल्ज़ाम था मुझपर लेकिन सच तो ये है इसमे मेरा कसूर नहीं था! कैसे और क्यूं रहता मदहोश उसके इश्क में, जब उसने इश्क किया मुझे सुरूर नहीं था! ठोकरें खाता रहा मैं ताउम्र जिन्दगी में क्योंकि मेरी आदत में "जी हुजूर"नहीं था!
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