दरिंदगी की सारी हदें  पार,
कब तक सहेंगे अत्याचार,
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,
यह नारा हुआ शर्मसार।

आंखों में नमी नहीं आग लाना है,
हर बलात्कारी को फांसी चढ़ाना है,
कोई बुरी दृष्टि भी डाले बेटियों पर,
उसकी दोनों आंखें नोच लेना है।

जिनके मंत्री हों बलात्कारी,
उनसे कोई उम्मीद नहीं हमारी,
 खुद ही सारेआम सजा-ए-मौत दो,
 चाहे मंत्री, मौलाना या हो पुजारी।


Anurag Maurya

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