हर गुब्बारे से दो पैसा मिलेगा ये अम्मा बोली है उस पैसे से घर का चूल्हा जलेगा ये अम्मा बोली है। नन्हें कन्धों पे अब ये बोझ रहेगा ये अम्मा...
चढ़ता हुआ हमारा सूरज क्या ढ़ल गया है तहजीब का नजरिया सबका बदल गया है। जिस आईने में चेहरा था रात दिन हमारा आईना तो वही है चेहरा बदल गया है...
इक दिया हर दिल में शामिल सैकड़ों ले काम पर मां जलाती जो दिया कुल के है वो नाम पर, एक सधवा है जलाती प्यार के सौभाग्य पर, जब कुंवारी दे...
लहजा गर अच्छा हो सूरत भा ही जाती है धीरे धीरे यार नज़ाकत आ ही जाती है। दोस्त कहाँ सच्चे मिलते है . . . दिल से निभाई जाती है जब ये ...
नाम वफा तेरा लिख दूँ क्या प्यार मोहब्बत लिख दूँ क्या। दोस्त कहाँ सच्चे मिलते है . . . तुमसे मिलकर जान गये हैं इश्क इबादत लिख दूँ...
ये विडम्बना ही है कि जिस पिता की उंगली थाम जीवन की पथरीली राहें सहज बनी जिस के साथ बेफिक्र चले कभी डरे नही एक मां की पीड़ा . . . ज...
रंग विदेशी ऐसा हमपर सर चढ़ कर जो बोल रहा है हर कोई अब जैसे तैसे बस अंग्रेजी बोल रहा है। हिन्दी में अब मां कहने में जाने लज्जा क...
ये मोहब्बत है इसमे मेल कहाँ मैं कहाँ और तेरा ख्वाब कहाँ। इक दिया ही बड़ी मुश्किल से मिला हैं मेरे दामन में आफताब कहाँ। समझते थे ...
एक मुखौटा सामने दिखता कितने अन्दर दबे हुये हैं जीवन की सच्चाई यही है सबमें चेहरे छुपे हुये हैं। हर रिश्ते के माने दो हैं एक सही...
याद आते हैं आज भी वो बचपन के दिन हमको जब बडे वृक्ष की शाखा पर हम मिल कर झूला करते थे। एक शाखा से दूसरी पर दूरी अपनी तय करते थे। बै...
अधजल गगरी जैसे हैं खुद को सागर समझ रहे हैं अन्धों में काने राजा पर देखो माहिर समझ रहे हैं। पढ़े - दोस्त कहाँ सच्चे मिलते है . ....
समझते थे जिसे अपना पराया उसको पाया है समझना चाहते थे कुछ समझ कुछ और आया है। ये दुनिया जैसी दिखती है मगर ऐसी नही है ये धोखे खा ...
लज्जा केवल नारी के ही हिस्से में क्यूँकर आईं है पुरुष की आंखे गिद्ध के जैसी नारी पर ललचाई हैं क्या पौरुष के अहम के खातिर न...
कई वर्ष बीत गये हैं लेकिन अब तक लौट कर नही आया वो बेटा जो कहीं चला गया था कई वर्ष बीत गये हैं लेकिन पढ़े - दोस्त कहाँ सच्चे मिलते...
तेरे रूप में दोस्त मिला है जीवन का उपहार मिला हैं चेहरा सच का आईना है तुझसे मुझको सार मिला है दुख में सुख में साथ थी तुम तुमम...