हर गुब्बारे से दो पैसा
मिलेगा ये अम्मा बोली है
उस पैसे से घर का चूल्हा
जलेगा ये अम्मा बोली है।

नन्हें कन्धों पे अब ये बोझ
रहेगा ये अम्मा बोली हैं।
बेटा ही अब घर की रीढ़
बनेगा ये अम्मा बोली है।

बचपन खोने का गम लेकिन
रहेगा ये अम्मा बोली है।
जीवन जीना भी तो लेकिन
सीखेगा अम्मा बोली हैं।

एक पैसे से बाबा का कुर्ता
मिलेगा ये अम्मा बोली है
एक पैसे से मन्ना स्कूल में
पढ़ेगा ये अम्मा बोली है।

बचपन में ही पिता के जैसा
दिखेगा तू अम्मा बोली है।
मुझसे ही अब घर का चराग
जलेगा ये अम्मा बोली है।

Vani agarwal

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