चढ़ता हुआ हमारा सूरज क्या ढ़ल गया है
तहजीब का नजरिया सबका बदल गया है।

जिस आईने में चेहरा था रात दिन हमारा
आईना तो वही है चेहरा बदल गया है।

Vani agarwal

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