आओ बैठें . . .

आओ बैठें . . . कभी मुझसे मेरी बात तो करके देखो.. पत्थर नहीं मोम हूं एक बार हाथ रख के तो देखो पूछने थे जो सवाल मुझसे दे चुकी अगर जवाब खुद...
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कन्या भ्रूण हत्या ..

मुझे वास्तविक जीवन पर आधारित कहानियां लिखना अच्छा लगता है । पर सब से पहेले में एक इंसान हूं । अपनी ज़िंदगी जीते हुए बहुत सारी ऐ...
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उड़ना ही है मुझे. . .

तंग हूँ , परेशां हूँ , दीमक लगी दीवारों से , हर रिश्ता सड़ांध भरा , घुटता हुआ , कुंठित सा है ....!! दो मुँहे साँपों जैसा , हर चेहरा...
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गुलज़ार ...

बस  एक  ही  सुर  में,  एक  ही  लय  पे   सुबह  से  देख,  देख  कैसे  बरस  रहा  है  उदास  पानी    फुहार  के  मलमली  दुपट्टे  से...
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दिन कुछ . . .

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई जैसे एहसान उतारता है कोई आईना देख के तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई पक गया है शज़र पे फल श...
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कुछ अन कहीं बाते . . .

ऑपरेशन थयेटर में जब कोई अपना पास नही था मेरे,  तो जोर से उस सिस्टर का हाथ पकड़र के इतना ही बोल सकी के,  मेरा हाथ जोरो से पकड़ सकते...
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हमसफर . . .

हमसफर मैं मुख मोडती कैसे। साथ तेरा मैं छोडती कैसे। अंतिम साँसों तक का वादा था, बता मैं वादा तोडती कैसे,, कदम मिला के त...
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यादें...

कभी तेरी यादें कभी तेरी बातें ज़हन में आती हैं तो मैं लिख लेती हूँ । कभी तेरी हँसी कभी तेरी उदासी ज़हन में आती है तो ...
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हौसलों की उड़ान..

    " नन्ही चींटी जब दाना ले कर चलती है     चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है     मन का विश्वास रगों में साहस भरता है     चढ़कर ...
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अंधेरी गली ...

रोहन को गुमने का बड़ा ही शोख़ था। वैसे वो ६ साल बाद अपने शहेर (गांव) में वापिस लौटा था। गांव में आते ही वों अपने सारे दोस्तों को मिल...
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