आओ बैठें . . .


कभी मुझसे मेरी बात तो करके देखो..
पत्थर नहीं मोम हूं
एक बार हाथ रख के तो देखो
पूछने थे जो सवाल मुझसे
दे चुकी अगर जवाब खुद से
मेरे भी कुछ सवाल है
फुर्सत से कभी एक शाम
गुजार कर तो देखो

कभी मुझसे मेरी बात करके तो देखो..
गुम है अक्स मेरा
इस मकड़ी के जाले में
मदहोशी में ही सही
तुम कैसे हो
ये पूछ कर तो देखो
ये नई नहीं, वही पुरानी हूं
बस एक बार, सही और गलत
का हिसाब छोड़ कर तो देखो

कभी मुझसे मेरी बात करके तो देखो..
आओ बैठें ।

Sejal Bhagat

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