" नन्ही चींटी जब दाना ले कर चलती है चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है मन का विश्वास रगों में साहस भरता है चढ़कर गिरना,गिरकर चढ़ना नअखरता है आखिर उसकी महेनत बेकार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती । "
कवि सोहनलाल द्विवेदी जी की ये प्रसिद्ध कविता का अंश, हमे ये प्रेरित करता है कि जीवन में कोई भी मुश्किलो के बाद भी हमें हार न मानते हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहेना चाहिए।
जीवन में सफलता की प्राप्ति के लिए यथार्थ परिश्रम करना चाहिए। चाहें कितनी भी निष्फलता मिले हमे प्रयास करते रहना चाहिए। तब जाकर हमें सफलता मिलेगी। असल में निष्फलता ही सफलता की असली पहचान है।
नेपोलियन बोनापार्ट ने ३२ साल की उम्र में आधा विश्व जीत लिया था। नेपोलियन बोनापार्ट कहते हैं कि जब मैं स्कूल में था तो बाकी बच्चे खेल में व्यस्त थे तब मैं यूरोपीय देशों का नक्शा देखता था।
Jack Ma १० सितम्बर १९६४ की साल में चीन के एक छोटे से गांव में जन्में थे। jack ma को अपने जीवन में २४ से भी ज्यादा बार निष्फलता मिली थी। जब वे ५ वी कक्षा में थे तब दो बार, ८ वी कक्षा में थे तब तीन बार और कॉलेज में थे तब ३ बार असफ़ल हुए थे। यहाँ तक कि वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में १० बार एप्लिकेशन देने के बावजूद रिजेक्ट हुए थे। KFC के स्टोर में २४ लोगों की सिलेक्शन हुई और एक jack ma ही सिलेक्ट नही हुए। फ़िर भी Jack Ma आज दुनिया की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी के मालिक है। अपनी पुरानी गलतियों को फ़िर से ना दोहरा कर आज दुनिया में अपना एक अलग ही मुक़ाम हासिल किया है।
Ira Singhal ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि
" अपने लिए खुद प्लान बनाओ , दुनिया ये कहेगी कि तुम नही कर सकते, किन्तु कोई और तुम्हें नही जानता है ,कोई तुम्हारी पोटेशन नही जानता है, और कोई ओर ये जज करने के काबिल नही है कि तुम क्या कर सकते हो और क्या नही, तो किसी ओर को अपने बारे में डिसाईड मत करने दो। "
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