बस  एक  ही  सुर  में, 

एक  ही  लय  पे  

सुबह  से  देख, 

देख  कैसे  बरस  रहा  है  उदास  पानी   

फुहार  के  मलमली  दुपट्टे  से  उड़  रहे  हैं 

तमाम  मौसम  टपक  रहा  है  

पलक - पलक  रिस  रही  है  ये  कायनात सारी..💕


#Gulzar

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