एक कवि नदी के किनारे खड़ा था ! तभी वहाँ से एक लड़की का शव नदी में तैरता हुआ जा रहा था। तो तभी कवि ने उस शव से पूछा ---- क...
मोहब्बत का दर्द . . . मोहब्बतों से मेरा कोई वास्ता नहीं था! मुझे तो याद चाहतों का रास्ता नहीं था!! तुम आये तो ज़िन्दगी मुस्कुराई थी! फ़ि...
ये कैसी मज़बूरी . . . जो थे कभी हमारे खास जो थे बनके मेरी सांस आज कर ली मुझसे दूरी हाय यह है कैसी मज़बूरी क्या हो गई मुझसे कमी इसकी...
तेरे होंठो पर छुपी है वो आवाज़ लिखूंँगा, तेरे दिल में छुपे राज़ को मैं राज़ लिखूंँगा। उस हसीना का नाम पता नहीं मालूम मुझे, फिरभी मैं उस ह...
*** *** मिसरे किसी के और मतला किसी का है | मेरी ग़ज़ल में जख़्म मेरी आशकी का है || यूँ ही सरे बाजार मुझे नीलाम कर दिया | जिसने खरीदा प्यार से,य...
बेकसी में भी कभी लोग हंसते हैं क्या। दो वक्त भी कभी संग मिलते हैं क्या, टूटे दिल भी कभी फिर जुड़ते हैं क्या। सोचता था भूल ही जाऊंगा तु...
करवाचौथ . . . चाँद सदा जिसका रहा, सात समंदर पार। विरहन करवाचौथ का, मना रही त्योहार।। देश सुरक्षा में रहा, जिस विरहन का चाँद। त्योहारों...
क्यों मैं सोलह सिंगार करूं . . . बता दो कब आओगे पिया, तुम गए किस देश पिया, मैं तो बस तेरी राह तकूं, क्यों मैं सोलह सिंगार करूं। तन्हा ...
रात सलोनी सी लगे, दिवस लगे है क्रूर। एक पास लाती हमें, दूजा करता दूर।। बढ़ी हमारी वेदना, उलझन रही अपार। रात अमावस हो गई, जीवन है निस्...
मगर आज पर्दा . . . निगाहों में आँसू, छुपाना पड़ेगा वो आएँगे तो ,मुस्कुराना पड़ेगा ख़तावर नहीं हम, ये सबको पता है मगर सर कदम पे, झुका...
प्रेम- तलब मिटती नहीं, अद्भुत है यह रोग। साजन भी मिलता नहीं, कैसा यह संयोग।। सदियों से लगता रहा, प्रेम- तलब का रोग। अर्ज हमारी है...
दरिया -दरिया बाढ़ है ,पानी पानी गाँव | आफत बरसे मेघ से ,ये कुदरत के दाँव || बिजली बादल आँधियाँ ,विपदा के संकेत | सर ऊपर पानी हु...
वो ज़माना और था...😌 कि जब दरवाजों पे ताला नहीं भरोसा लटकता था । कि जब पड़ोसियों के आधे बर्तन हमारे घर और हमारे बर्तन उनके घर मे होते थे। ...
जिसे देख तुमने उठाई शर्म की दीवार , एक लड़की के चरित्र को बताया दागदार , ये तो बस एक साधारण सी ब्रा है दोस्त , सब पर मत थोपो अपने खोखले ...
कोरोना काल में जब पहुंच गया ससुराल ! बहुत ही अजीब सा था वहां का हाल !! घर की घंटी बजाते ही सास दौड़ी आई ! देख जमाई को आज, मजबूरी मे मुस...
आधी रात का समय था रोज की तरह एक बुजुर्ग शराब के नशे में अपने घर की तरफ जाने वाली गली से झूमता हुआ जा रहा था, रास्ते में एक खंभे की ला...
सभी पिताओं को समर्पित तब....आदमी... "पुरुष से पिता बनता है" पत्नी जब स्वयं माँ बनने का समाचार सुनाये और वो खबर सुन, आँखों में ...
आँख से आँख मिलाकर के बड़ी ग़लती की.. इश्क़ के जाल में आकर के बड़ी ग़लती की.. दर्द उट्ठा जो ये सीने में तो मालूम हुआ, आपको दिल में बसा...
मैंने हर रोज जमाने को रंग बदलते देखा है... उम्र के साथ जिंदगी को ढंग बदलते देखा है.... वो जो चलते थे, तो शेर के चलने का होता था गुमान....
जब बताने का मन मे न हो हौसला, बेवजह घोंसला मत बनाया करो। और उठा न सको तुम गिरे फूल को, इस तरह डालियाँ मत हिलाया करो। ...