Read A Poetry - We are Multilingual Publishing Website, Currently Publishing in Sanskrit, Hindi, English, Gujarati, Bengali, Malayalam, Marathi, Tamil, Telugu, Urdu, Punjabi and Counting . . .
मिसरे किसी के और मतला किसी का है | मेरी ग़ज़ल में जख़्म मेरी आशकी का है ||
यूँ ही सरे बाजार मुझे नीलाम कर दिया | जिसने खरीदा प्यार से,ये बंदा उसी का है || *** धूप से झुलसा है वो ,साया के बावजूद | खेल देखो वक्त की रस्साकसी का है ||
करने लगे हैं ख़्वाब ,हकीकत की मुखबिरी | इरादा नहीं जीने का ,अब ख़ुदकुशी का है | *** परिंदों को नहीं आती है ,घोसलों की याद | आवारगी का जश्न हुआ हँसी ख़ुशी का है ||
दिल के करीब जुस्तजू की दुकान थी | ताला लगा हुआ मिला वहाँ वेबसी का है ||
Very nice
जवाब देंहटाएंSuper
जवाब देंहटाएं