आंखें गवाह है . . .

आंखें गवाह है कि रातें तबाह हैं, हम परेशा है तो तु कौन सा खुशनुमा है, हमको तुम ना मिले , तो तुम को कौन-सा वो मिला कोई वादा ...
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रात से मिलकर . . .

रात से मिलकर दिन की बात को भुल जाना है उसने जितना कहा हमे उतना आजमाया गया है उसकी बातें पढ़कर रातों में सांसें कट रही है उससे जों मिले ह...
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