वो भी क्या दिन थे . . . वो भी क्या दिन थे जों कल बचपन था आज बीता हुआ कल हो गया कल जो झुठ बोले थे आज वो सब सच हो गये ना चाहते हुए भी हम...
कुछ लोग अक्सर कह जाते है की तू हस्ता हुआ कितना अच्छा लगता है लेकिन मुझे हसना भी मुझे मेरा बोझ सा लगता है क्यूँ नहीं समझ पाते लोग कि ये क्यूँ...
कहते तो सब है मै बुरा हूँ,मतलबी हूँ मै चाहता हूँ एक हैवान खुद में जो नोचे, जो मारे मेरे अंदर के उस अकेलेपन को भारीपन को जो खाता रहता...
कदमों में आ गई मंजिल हमारे . . . ना जाने अब किस किस का सदगा होगा हम तो अभी उतरे हैं जमीं पर अभी तो आसमान का भी सीना छलनी होगा कदमों मे...
हमारी दोस्ती का तो आज यही अंजाम होना था मुझे आज बदनाम और तुम्हें सरेआम होना था मैंने सोचा ख़ुदा के रहम से मिली मुझे दोस्ती थी ...
तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं जों कि दो मिनट हमसे बात कर सको क्या तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं कि तुम हमारा हाल पुछ सको तुमको इतनी भी फुर्सत न...
सारी बातें भुलकर जिन्दगी की फिर से नयी शुरूआत करते हैं आज बाहरी ग़म को छोड़कर अंदरूनी मन से मुस्कुराते हैं आज शख्शियत को मजबूत और...
मन मेरे किस बात का डर रख हौसला दिखेंगी डगर बस तु अब आगे बढ़ ना तु अब पीछे मुड़ मन मेरे किस बात का डर हम जीतेंगे या कुछ सीखेंगे तेरे ज...
आंखें गवाह है कि रातें तबाह हैं, हम परेशा है तो तु कौन सा खुशनुमा है, हमको तुम ना मिले , तो तुम को कौन-सा वो मिला कोई वादा ...
इन दिनों चारों तरफ डर का माहौल देख रहा हूं यह महामारी नहीं लोगों के लिए मजाक देख रहा हूं मानव जाति पर मानों संकट का प्रहार देख र...
रात से मिलकर दिन की बात को भुल जाना है उसने जितना कहा हमे उतना आजमाया गया है उसकी बातें पढ़कर रातों में सांसें कट रही है उससे जों मिले ह...