आंखें गवाह है कि
रातें तबाह हैं,

हम परेशा है तो
तु कौन सा खुशनुमा है,
हमको तुम ना मिले ,
तो तुम को कौन-सा वो मिला
कोई वादा तो था नहीं
फिर तो इंतजार किस बात का है

Pradeep Chauhan

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