सारी बातें भुलकर जिन्दगी की
फिर से नयी शुरूआत करते हैं आज

बाहरी ग़म को छोड़कर
अंदरूनी मन से मुस्कुराते हैं आज

शख्शियत को मजबूत
और मुश्किलों का रूख़ मोड़ते हैं आज

जिंदगी की खुशी के लिए
अपने सभी गमों को ठुकराते हैं आज

जिसने दर्द दिया है
उसे भुलकर खुद की तलाश करते हैं आज

Pradeep Chauhan

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