तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं जों
कि दो मिनट हमसे बात कर सको
क्या तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं
कि तुम हमारा हाल पुछ सको

तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं है कि
उंगलियां फेरकर मुझको सुला सको
क्या तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं
आखिरी बार मुझको गले से लगा सको

तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं है कि
हमको तुम याद भी ना कर सको
क्या तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं
कि एक सुंदर सा एहसास दिला सको

तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं है कि
तुम उन बीते लम्हों को याद कर सको
क्या तुमको इतनी भी फुर्सत नहीं
कि टुटे सपनों को साकार कर सको

Pradeep Chauhan

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