एक धागा बाँध उसने कलाई पर उम्र भर के सलामती की दुआ की है Keshav Kaushik
फिर से है रोई आज रोली टीका माथ बिंदी फिर से है भीगी आज हाथों की ये मेहंदी पढ़े - बेवक़्त कमरे में आना . . . बार - बार पूछ रही...
सावन में मन का मयूर तरसे मयूर तरसे नैना झर - झर - झर बरसे याद पिया की आ रही कलसे मयूर तरसे पढ़े - आशिकी हो तो ये . . . नैना झर - झर...
आशिकी हो तो ये ऐसी हो मेहबूब मेरी किताब सी हो पढ़े - बेवक़्त कमरे में आना . . . सफ़हः पलकों में खुले उसकी ये हक़ीक़त कोई ख़्वाब ...
गांँधी बाबा तेरी आड़ में हमने क्या-क्या होते देखा निर्धन को लूटते देखा निर्जन को पिटते देखा गांँधी बाबा तेरे नाम से ...
तुम्हें देख खुद का रक़म देखते हैं मुहब्बत में क्यों यह सितम देखते हैं पढ़े - बेवक़्त कमरे में आना . . . मेरे सामने से ...
बेवक़्त कमरे में आना ठीक नहीं , बेवक़्त ही कमरे में क्यों आती हो ? पढ़े - इश्क का रोजा टूट गया . . . खुले ...
बेवजह तो छत पर न टहलती वो लड़की आंखों ही आंखों में कुछ कहती वो लड़की नजरें चुराकर है वो नज़रें मिलाती मोहब्बत में ग़ज़ब...
नारी शक्ति अब जाग जाओ । विपत्ति की घड़ी है जान जाओ । उठो ! लड़ो ! चिंघारो ! चीत्कार करो! शक्ति की उपासक तुम हाहाकार करो !!...
चाँद मेरा मुझसे रूठ गया इश्क़ का वो रोज़ा टूट गया भूल जाता हूँ राह सिम्त की हाथ जबसे तेरा छूट गया एक खज़ाना था दिल भी ...