चाँद मेरा मुझसे रूठ गया

इश्क़ का वो रोज़ा टूट गया

भूल जाता हूँ राह सिम्त की

हाथ जबसे तेरा छूट गया

एक खज़ाना था दिल भी उनका

लूटना था जिसको वो लूट गया

उनका रोना भी अब याद नही

कौशिक जो छूट गया छूट गया



Keshav Kaushik

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