नारी शक्ति अब जाग जाओ ।
विपत्ति की घड़ी है जान जाओ ।
नारी शक्ति अब जाग जाओ ।
उठो !
लड़ो !
चिंघारो !
चीत्कार करो!
शक्ति की उपासक
तुम हाहाकार करो !!
सोई हुई हो सुप्त जथा
लाचार पड़ी है मौन व्यथा
तुम भूल गई झांसी -गथा
क्या इतिहास लिखेगी तेरी कथा
अतीत का तुम ध्यान करो
आलिंगन का अवमान करो
शत्रु को निष्प्राण करो
समस्या खुद निदान करो ।।
गेसुओं को विकराल बना दो
नाखून तुम्हारे ढाल बनेंगें
अब तुम बस प्रहार करो
उठो!
लड़ो!
चिंघारो!
चित्कार करो!
शक्ति की उपासक
तुम हाहाकार करो !!
निर्भया आसिफा तुमसे सवाल करेगी
भ्रूण हत्या. अपना हाल कहेगी
नारीत्व तुम्हारी दुश्मन नारी होगी
कल सड़क पर बेसुध बहन या बेटी हमारी होगी
तो बिगुल फूंक दो समय के युद्ध का
आर्तनाद होने दो मातृत्व के क्रुद्ध का
दुनिया को दहला दो महागौरी
नारित्व बनी है प्रलयंकारी
उठो!
लड़ो!
चिंघारो!
चित्कार करो!
शक्ति की उपासक
तुम हाहाकार करो !!
मृत्यु शैय्या पर प्रेमगीत पढ़ती हो
धिक्कार है तुम पर चुप रहती हो
रूप माधुरी का त्याग कर
अत्याचारी का संहार करो
Bahut khub bhai
जवाब देंहटाएं@Priyanshu i just seen your blog, will you contribute here, its a big platform for writer's, and among the fastest growing too.
हटाएंBahut mohabbat bhai
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