गांँधी  बाबा  तेरी आड़  में
हमने क्या-क्या होते देखा


निर्धन   को  लूटते  देखा
निर्जन  को  पिटते  देखा
गांँधी  बाबा  तेरे  नाम से
झूठी  कसमें  खाते  देखा
पढ़े - नारी शक्ति . . .
गांँधी  बाबा  तेरी  आड़ में
हमने क्या-क्या होते  देखा


गांँधी  का  धौंस  जमता है
काफ़िर  भी भक्त  होता  है
खादी पहने  नेता  अब  तो
चोर    दिखाई     देता    है
पढ़े - बेवजह तो छत पर . . .
खाट  पे  सत्य  रोते  देखा
गांँधी  बाबा  तेरी  आड़ में
हमने  क्या-क्या होते देखा


टोपी   के   झमेले   हजा़र
लोग   बाग   देखे  दो चार
पुश्तें   तर   जाए   उसकी
जो    भी   पहने   एकबार
पढ़े - बेवक़्त कमरे में आना . . .
असत्य   को  बढ़ते  देखा
गांँधी  बाबा  तेरी आड़ में
हमने क्या-क्या होते देखा


मन   विचलित   होता  है
रगों  में  उबाल  आता  है
बापू  की   इस  धरती  पे
जब गोडसे पूजा जाता है
पढ़े - तुम्हें देख खुद का . . .
अहिंसा  को  मिटते देखा
गांँधी  बाबा  तेरी आड़ में
हमने क्या-क्या होते देखा



Keshav Kaushik

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