* एक अजनबी ने एक ब्राह्मण से पूछा. "बताइए, इस शहर में महान क्या है?". ब्राह्मण ने जवाब दिया की "खजूर के पेड़ का समूह महान है...
धिक्कार है उन्हें जिन्हें भगवान् श्री कृष्ण जो माँ यशोदा के लाडले है उन के चरण कमलो में कोई भक्ति नहीं. मृदंग की ध्वनि धिक् तम धिक् तम करके ...
वह ब्राह्मण जो भगवान् के मूर्ति की सम्पदा चुराता है और वह अध्यात्मिक गुरु जो दुसरे की पत्नी के साथ समागम करता है और जो अपना गुजारा करने के ल...
वही सही में ब्राह्मण है जो केवल एक बार के भोजन से संतुष्ट रहे, जिस पर १६ संस्कार किये गए हो, जो अपनी पत्नी के साथ महीने में केवल एक दिन सम...
आप चाहे सौ बार पवित्र जल में स्नान करे, आप अपने मन का मैल नहीं धो सकते. उसी प्रकार जिस प्रकार मदिरा का पात्र पवित्र नहीं हो सकता चाहे आप उ...
रात्रि के समय कितने ही प्रकार के पंछी वृक्ष पर विश्राम करते है. भोर होते ही सब पंछी दसो दिशाओ में उड़ जाते है. हम क्यों भला दुःख करे यदि ह...
अपने निकट संबंधियों का अपमान करने से जान जाती है. दुसरो का अपमान करने से दौलत जाती है. राजा का अपमान करने से सब कुछ जाता है. एक ब्राह्म...
जिनके पास यह कुछ नहीं है... विद्या. | तप. | ज्ञान. | अच्छा स्वभाव. | गुण. | दया भाव. ...वो धरती पर मनुष्य के रूप में घुमने वाले पशु है. ध...
* विद्या सफ़र में हमारा मित्र है. पत्नी घर पर मित्र है. औषधि रुग्ण व्यक्ति की मित्र है. मरते वक्त तो पुण्य कर्म ही मित्र है. * Realised...
* जिसे अपने इन्द्रियों की तुष्टि चाहिए, वह विद्या अर्जन करने के सभी विचार भूल जाए. और जिसे ज्ञान चाहिए वह अपने इन्द्रियों की तुष्टि भूल...
* आपको इन्द्र के समान वैभव प्राप्त होगा यदि आप.. अपने भगवान् के गले की माला अपने हाथो से बनाये. अपने भगवान् के लिए चन्दन अपने हाथो से ...
* जिन्होंने वेदों का अध्ययन पैसा कमाने के लिए किया और जो नीच काम करने वाले लोगो का दिया हुआ अन्न खाते है उनके पास कौनसी शक्ति हो सकती ...
* अमृत सबसे बढ़िया औषधि है. इन्द्रिय सुख में अच्छा भोजन सर्वश्रेष्ठ सुख है. नेत्र सभी इन्द्रियों में श्रेष्ठ है. मस्तक शरीर के सभी भागो...
* उस यज्ञ के समान कोई शत्रु नहीं जिसके उपरांत लोगो को बड़े पैमाने पर भोजन ना कराया जाए. ऐसा यज्ञ राज्यों को ख़तम कर देता है. यदि पुरो...
* नीति की उत्तमता ही व्यक्ति के सौंदर्य का गहना है. उत्तम आचरण से व्यक्ति उत्तरोत्तर ऊँचे लोक में जाता है. सफलता ही विद्या का आभूषण ...
* जिस प्रकार एक फूल में खुशबु है. तील में तेल है. लकड़ी में अग्नि है. दूध में घी है. गन्ने में गुड है. उसी प्रकार यदि आप ठीक से देखते ...
* विद्वान् लोग जो तत्त्व को जानने वाले है उन्होंने कहा है की मास खाने वाले चांडालो से हजार गुना नीच है. इसलिए ऐसे आदमी से नीच कोई नहीं....
* वह आदमी अभागा है जो अपने बुढ़ापे में पत्नी की मृत्यु देखता है. वह भी अभागा है जो अपनी सम्पदा संबंधियों को सौप देता है. वह भी अभागा ह...
* नरक में निवास करने वाले और धरती पर निवास करने वालो में साम्यता - १. अत्याधिक क्रोध २. कठोर वचन ३. अपने ही संबंधियों से शत्रुता ४. न...
* ब्राह्मण अच्छे भोजन से तृप्त होते है. मोर मेघ गर्जना से. साधू दुसरो की सम्पन्नता देखकर और दुष्ट दुसरो की विपदा देखकर. * Brahmanas ...