रात्रि के समय कितने ही प्रकार के पंछी वृक्ष पर विश्राम करते है. भोर होते ही सब पंछी दसो दिशाओ में उड़ जाते है. हम क्यों भला दुःख करे यदि हमारे अपने हमें छोड़कर चले गए.

(Through the night) a great many kinds of birds perch(Sit and rest) on a tree but in the morning they fly in all the ten directions. Why should we lament (Expression of sorrow) for that? (Similarly, we should not grieve when we must inevitably part company from our dear ones).

जिसके पास में विद्या है वह शक्तिशाली है. निर्बुद्ध पुरुष के पास क्या शक्ति हो सकती है? एक छोटा खरगोश भी चतुराई से मदमस्त हाथी को तालाब में गिरा देता है.

He who possesses intelligence is strong; how can the man that is unintelligent be powerful? The elephant of the forest having lost his senses by intoxication was tricked into a lake by a small rabbit. (this verse refers to a famous story from the niti-sastra called pancatantra compiled by the pandit Vishnusharma 2500 years ago).

हे विश्वम्भर तू सबका पालन करता है. मै मेरे गुजारे की क्यों चिंता करू जब मेरा मन तेरी महिमा गाने में लगा हुआ है. आपके अनुग्रह के बिना एक माता की छाती से दूध नहीं बह सकता और शिशु का पालन नहीं हो सकता. मै हरदम यही सोचता हुआ, हे यदु वंशियो के प्रभु, हे लक्ष्मी पति, मेरा पूरा समय आपकी ही चरण सेवा में खर्च करता हू.

Why should I be concerned for my maintenance while absorbed in praising the glories of Lord Vishwambhara (Vishnu), the supporter of all. Without the grace of Lord Hari, how could milk flow from a mother's breast for a child's nourishment? Repeatedly thinking only in this way, O Lord of the Yadus, O husband of Lakshmi, all my time is spent in serving Your lotus feet.

उदारता, वचनों में मधुरता, साहस, आचरण में विवेक ये बाते कोई पा नहीं सकता ये मूल में होनी चाहिए.
Generosity, pleasing address, courage and propriety of conduct are not acquired, but are inbred qualities.


Chanakya Neeti

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