तृप्ति सुख ,सुकून वात्सल्य ओ ममतापूर्ण ठंडी छाया माँ। जीवन साँसे,धड़कन सन्तति को पहचान देती ,सँवारती माँ। ईश्वर की अनुकृति बन पालती सन...
इस दौर में सब चारदीवारी चाहते है , बुजदिल लोग अब सरदारी चाहते है । जाने कितने ताज है हमारी ठोकरों में , झूठी खबरें शोहरत अख़बारी चाहते ...
पुरानी होकर भी खास होती जा रही है.. मोहब्बत बेशर्म है जनाब बेहिसाब होती जा रही है।💕 #Readapoetry
* शोहरत पे कोई क्या अहले कलम को ले जाएंगे, अपने हुनर से वो खुद बुलंदी पे चले जाएंगे। * कलम ख़ुद वाले खुद चले जो मैं सरे दस्तार में ...
जब भी उसकी गली से गुजर के आता हूं हर बार एक नया मंजर पाता हूं कभी तुम होती हो घर के अंदर कभी गली में पाता हूं उनसे...
कितना लिखूं मैं तेरी याद में कोई दम नहीं मेरी फरियाद में रूह भी मुझसे मेरा चैन छीनकर ले गयी मैं मैं ना रहा तेरे बाद में ...
है नफरत मुझे बस यहाँ रहजनी से नहीं मुझको नफ़रत किसी आदमी से | है रोटी व कपड़ा मकां भी जरुरी नहीं पेट भरता महज शायरी से | अमिट क...
कभी तेरी यादें कभी तेरी बातें ज़हन में आती हैं तो मैं लिख लेती हूँ । कभी तेरी हँसी कभी तेरी उदासी ज़हन में आती है तो ...