जब भी उसकी गली से गुजर के आता हूं
हर बार एक नया मंजर पाता हूं
कभी तुम होती हो घर के अंदर
कभी  गली में  पाता हूं
उनसे मुलाकात हो तो कैसे
हर तरफ नजरों का पहरा पाता हूं
बड़ा सुकून मिलता है दिल को
जब खेतों की ओर जाता हूं
सलीम कैसे पाएगा मंजिल को
चारों तरफ भटकनो को पाता हूं


Saleem

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