* शोहरत पे कोई क्या अहले कलम को ले जाएंगे,
 अपने हुनर से वो खुद बुलंदी पे चले जाएंगे।

* कलम ख़ुद वाले खुद चले जो मैं सरे दस्तार में आ जाऊं,
 अब भरोसा नहीं झूठी खबरों के साथ कब अखबार में आ जाऊं।

* कोई मखमल का तकिया, चादर, बिस्तर ढूंढता है,
 गरीब तो बस सूखी रोटी टूटा छप्पर ढूंढता है।

* वक्त वक्त पर उसकी जुबान पर तीर कमान आते हैं,
 और सारे प्यादे लूढक जाते हैं जब इम्तिहान आते हैं।

* पहले मुहब्बत रूहानी होती थी,
 अब मुहब्बत जिस्मानी होती है।

* हम तुम्हें इश्क करने का मशवरा ना देंगे,
 हमने अंजाम ए मोहब्बत को बड़े करीब से देखा है।

* बारूद है हम चिंगारी से बचा के रखना,
 मुस्कान अपने लबों पे चेहरा सजा के रखना।

Shahrukh Moin

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