शहर की बदली आबो-हवा देख रहा हूं , बीमारों की कतारें हाथों में दवा देख रहा हूं। मुर्दा खोर इंसानों से मिलना है तो देखिए ये ब...
इस मुल्क के दो टुकड़े करा कर गये अंग्रेज़, हिंदू और मुसलमा को लारा कर गये अंग्रेज। वे जाति जाति थोप गए नीतियां अपनी, फैलाओ भेदभ...
महिखाने सी भरी हुई है तुम्हारी निगाह में, अब आ भी जाइए न मेरी पनाह में,, रस्ते में हमें ठोकरें हर वक़्त मिली हैं, अपनों ने ही पत्थर ...
बेवक़्त कमरे में आना ठीक नहीं , बेवक़्त ही कमरे में क्यों आती हो ? पढ़े - इश्क का रोजा टूट गया . . . खुले ...
बेवजह तो छत पर न टहलती वो लड़की आंखों ही आंखों में कुछ कहती वो लड़की नजरें चुराकर है वो नज़रें मिलाती मोहब्बत में ग़ज़ब...
ख़ता मेरी नहीं फिर भी, क्यों दिल मेरा तड़पता है । तुम्हीं से मिलना चाहे इसलिए शायद बहकता है । बहाने को बनाना मैंने सीखा ही नहीं यारा...