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आज एक गुहार लगती हूँ। भगवान तू सुन लेना बस यही दुआ है बस तूम कबूल कर लेना की अगले जन्म मुझको बेटी ही देना।
हे भगवान मेरी झोली तुम भर देना। मैं समाज की कल्याण बनना चाहती हूँ। जग की पालन हार बनना चाहती हूँ। मेरी झोली मेरी दुवाओ से भर देना।
हे भगवान मोको अगले जन्म भी बेटिया ही देना। किसी की आँगन को महकाउंँगी अपने साजन के घर को सजाऊंँगी अगर हो छोटी सी मनोकामना पूर्ति का कोई असार तो मुझे अखण्ड-स्वभगतिभव तुम कर देना।
कोई इर्स रशीदी हो तो वो मेरे अपनो के नाम कर देना। मैं एक माँ,बहन,तो किसी की घर बन कर रहना चाहती हूँ। बस भगवन तू मेरी अरदास को सुन लेना। मुझको अगले जन्म भी बाटी देना।
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