भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है ब्रह्म मुहूर्त में उठना,जल्दी सोना है।

दिनचर्या को उगते सूरज की किरणों से चलाना है।
खान  पान और सोने जागने को व्यवस्थित करना है।

देर से सोना फैशन बन गया आधुनिक जीवन हैं।
देर रात तक मोबाइल चलाना वक्त की माँग बना है।

देर रात तक डिस्को पार्टी करना फैशन बना है।
देर रात तक पढ़ाई करना मजबूरी बन गया है।

काम की ज्यादती में देर रात करना मुफीद है।
मजबूरी को आदत बनाना नहीं ठीक है।

देर रात tv देखना,सुबह देर से नींद से जागना  आदत बन गया है ।
युवाओं की दिनचर्या में उगते सूरज को देखना कम बदा है।

भावी पीढ़ी के कर्णधार तुम, सीख लो जल्दी उठना,जल्दी जागना।
देर रात तक जागना उचित नहीं स्वस्थ जीवन शैली में है।

पाश्चात्य संस्कृति त्याज्य है, सर्वोत्तम भारतीय जीवन पद्धति है।
उठो ,,जागो ,,भारतवासी,,विवेकानन्दजी तुम्हे पुकारते हैं।

गाँधी जी का नारा है ,जल्दी उठो,स्वावलंबन अपना कर  जीना है ।
वेदों ,पुराणों में देखो,,देर रात जागना,निशाचरी  आचरण है।

ओ  भारत के गर्व के प्रतीक युवा,त्याग दो देर तक सोना।
कर्म शील बन जाओ तुम फिर से सोने की चिडिया का घरौंदा।

Neelam Vyas

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