कलयुगी चुनौती वायरस है कोरोना।
डरो नहीं इससे तुम सजग रह लड़ो ना।

हर युग की समस्याओं का किया डटकर सामना।
आज इस बीमारी का मुकाबला हिम्मत से मानव करों ना।

सरकार का साथ देंगे,खुद को अनुशासित करो ना।
संक्रमण की चैन को संकल्प से तुम तोड़ो ना।

हाथ धोओ ,दूरी एक मीटर की सबसे रखो ना।
सख्ती से बीमारी के विरुद्ध आचरण करो ना।

शाकाहारी अपनाओ,धर्म संस्कृति को शुद्ध अपनाओ ना
बीमारी के राक्षस को डटकर हराओ ना।

संदिग्ध हो तो सरकार से बिल्कुल छिपाओ ना
मानवता हित कवरन्तम अपनाओ ना।

आइसोलेशन  रखो खुद को जरूरत हो तो हिचको ना।
जिंदगी से मौत की जंग को तुम सूझ बूझ से जीतो ना।

रोज आठ दस रोटी बना गाय कुत्तों को खिलाओ ना।
थोड़ा राशन ओ सब्जी दवाई गरीबो को दो ना।

मानवता के हित में सकारात्मक भाव तुम पालो ना।
अभिवादन करो ,गले न मिलो ,हाथ मत मिलाओ ना।

संयम ,धैर्य रखकर  सामान की खरीदारी करो ना।
भीड़भाड़ से बचो,जरूरत की खरीदी कर  काला बाजारी करो ना।

घर में रह बुजुर्गों की सेवा,बालकों को  लाड़ प्यार से पालो ना।
रचनात्मक कार्य करो,धर्म ग्रन्थ पढ़ो ,भजन गीत गाओ ना।

रिश्तों को मजबूत बनाओ,पत्नी की मदद कर उसे खुश करो ना।
अपनों को वक्त दो ,गिले शिकवे सबके दूर करो ना।

सम्बन्धों को मधुर बनाओ ,फोन पर हाल चाल पूछो ना।
नियम का पालन कर कोरोना को हरा कर स्वस्थ बनो ना।

Neelam Vyas

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