लोग कहते है की में काफी बोरिंग शा हु,
वो क्या है कि में थोड़ा दुनिया से अलग हु।।

मुझे दोस्त बनाना नही आता ।
और
गलती से बन गया तो
मुजसे दोस्ती निभाऐगा नही ।।

सुबह काम पर निकल जाता हूं ।
शाम को थक हार कर आता हूं ।
और चुपचाप सो जाता हूं।।

अब न ज्यादा रिस्ते है।
ना ज्यादा विश्वास।।

क्या है की इतने विश्वास और दिल टूटे है ।
की सब वीरान सा लगता है।।

बचपन से यही दौड़ रहा हु की  कुछ करना है ।
शायद इस दौड़ में खुद को कभी वक्त ही नही दे पाया।।
देखते है अभी मंझिल कितनी दूर है।।।

Hardik Gandhi

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