किस जलते दिल को मेरे तुम क्या बुझा सकोगे ,
मेरे आंसुओं की कीमत तुम क्या चुका सकोगे।
मेरे दर्द को समझना आसा नहीं है इतना ,
गहराइयां है कितनी नहीं तुम बता सकोगे।
गुजरा हूं जिस डगर से चलना नहीं था आसा,
 उस राह पर कदम एक नहीं तुम बढा सकोगें।
मैंने खून और पसीना यूं ही नहीं बहाया,
 हासिल किया जो मंजिल उसे तुम न पा सकोगे।
शाहरुख फर्ज अपना कैसे यहां निभाया,
 तुम्हें आज क्या बताऊं नहीं तुम निभा सकोगे।
पढ़े - इबादत में असर पैदा करो . . .

Shahrukh Moin

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