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मेरे जिस्म के करीब तुम न आओ, दोस्ती में तुम हवस का जहर न मिलाओ... पढ़े - क्या लिखूं तेरे लिए मैं . . . हमे लगा की हम बस एक अच्छे से यार थे, दोस्ती की जुबानों में हम दोनों के सच्चे प्यार थे,
पर तुम ऐसी हरकत कर जाओगे सोचा नही था ख्वाबो में भी मैंने पढ़े - ऐ वतन तेरी कसम . . . की तुम मेरे जिस्म के करीब आओगे, और मेरी रूह को तड़पाना चाहोगे
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