जिसे तुझसे मुहब्बत है, तुझे उससे मुहब्बत हो |
यही मेरी दुआ़ है एे ख़ुदा मक़बूल चाहत हो ||
पढ़े - इस मुल्क के दो टुकड़े करा . . .
अगर मिलता नहीं हो मांगने से छीन लो हक़ तुम |
ज़माने से कभी डरने की बोलो क्यूं ज़रूरत हो ?
ख़ता करके ज़माने में हया आती नहीं है क्यूं ?
गुनाहों से बचा मौला यही हम पर इनायत हो ||
पढ़े - प्यार में . . .
इबादत में असर पैदा करो पाना हो जो रब को |
'ख़ुदा भी बढ़के मिलता है अगर सजदों में ताक़त हो ||
बनाया जो मकां मैंने उसी से मैं हुआ बाहर |
मकां मुझको मिले मेरा अगर रब की इनायत हो ||
पढ़े - महिखाने सी भरी हुई है . . .
छुपे बैठे वतन में जो अदू पहचान हो उनकी |
ख़ुदा मेरे वतन की दुश्मनों से भी हिफ़ाज़त हो ||
जहां पैसो के पीछे भागता है आज तो सारा |
अदब की पास में मेरे तमन्ना है कि दौलत हो ||
पढ़े - नहीं पेट भरता महज . . .
मैं जैसा हूं ख़ुदा मेरे मुझे वैसा ही तू रखना |
किसी का दिल दुखाऊं मैं , मिरी ऐसी न आदत हो ||
किसी का दिल दुखा कर जो मिले 'शाहरूख` मुझे शुहरत |
पढ़े - इस मुल्क के दो टुकड़े करा . . .
पढ़े - प्यार में . . .
पढ़े - महिखाने सी भरी हुई है . . .
पढ़े - नहीं पेट भरता महज . . .
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