अमन में  शांति चमन में  शांति आत्मा  भाव  विभोर हुए,
नयनन  पलकत  अखियँन   रोज   निरेखत  भोर    हुए !
आपकी महिमा सुन मन पुलकित लिखने को मजबुर हुए,
आपकी कृति  सुन घन  बादल  की  गर्जन  घनघोर  हुए !
मै जानता कम,सुन मन  ब्याकुल  नयन  चीत  चोर  हुए,
 ऐसा महसुस लगा कि आप आये ,तो बगिया मे शोर हुए!
याचना है  प्रार्थना है  श्रधांजली  देने  को मन  मोर  हुए ,
श्रधा सुमन अर्पित है ,थे ,है ,रहेंगे  गगन मे आज शोर हुए!


Mukesh Ojha

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