ख़त मैं तेरे नाम लिखी हूँ
इश्क मैं होने वाली हर बात लिखी हूँ

पढ़े - जुल्म क्यों सहती हो तुम . . .

सावन की पहली बरसात लिखी हूँ
अपनी जिंदगी मैं तेरे नाम लिखी हूँ

पढ़े - मौत का नज़ारा हमे भी . . .

अपनी मोहब्ब्त की मैं पहली इज़हार लिखी हूँ
दिल से दिल की बात लिखी हूँ

पढ़े - तू नारी है कमजोर नही . . .

बरसो से जो थी अधूरी
वो ख्वाब मैं बार बार लिखी हूँ

पढ़े - इजहार हो न पाया . . .

चाँद तारो की क्या बात है
मैं तो तेरे लिए पूरी क़ायनात लिखी हूँ



Shubham Poddar

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