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तुमसे मिलना तो था
पर अब नही मिल पाउँगा,
तुमसे आँखे नही चार कर पाउँगा।
पढ़े -  दिल ये हमारा क्यों जलता है
जो कस्मे खाएं थे कि हर वादा निभाउंगा,
पर उन वादों पे मैं नही खरा उत्तर पाउँगा।
पढ़े - जिस रात में होती थी मोहब्ब्त की
 जो दिल से दिल की बातें हुई थी
उन बातों को मैं नही भूल पाउँगा।
पढ़े - दिल में उत्तर गयी है वो
तुझे भुला कर अब मैं,
खुद में ही सिमट कर रह जाऊंगा।
पढ़े - देह मत देना
बस बहुत हुआ,
अब इससे आगे बात नही बढ़ाऊंगा।

Shubham Poddar

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