माँ बहुत रोई थीजब उन्हें बाँझ कहा गया था
माँ तब भी रोई थी जब बेटे ने पेट में लात मारा था
माँ तब भी रोई थी जब बेटा बुखार में तरप रहा था,
पढ़े - मेरे कब्र के पास 
माँ तब भी रोई थी जब बेटे के पढ़ाई के लिए पैसा नही था
माँ तब भी रोई थी जब बेटा भूख से तरप रहा था
माँ आज भी रोती है जब बेटा दबा लाकर नही देता है
माँ आज भी रोती है जब बेटा खाना नही देता है
पढ़े - माँ बहुत रोई थी
अकेली माँ आज भी रोती है
जब बेटा का सिर्फ फ़ोन आता है।

(प्रकाशित हुआ नया भाषा भारती संवाद में)

Shubham Poddar

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