करने जैसा तो है काफी कुछ .....

पर अच्छा करू या सही करू....

पढ़े -रुकना कभी आता नहीं 

निर्भय बन के दुनिया को बचाउ.... 

या फिर इस दुनिया से डरू ..... 

 पढ़े - करना तो है काफी 

अकेलेपन मे खुद से मिलू ... 

या फिर अनंत दुनिया का सफर करू ..... 

पढ़े - किताबें!

जहर से कडवे ज़िंदगी के पल याद करू...... 

या फिर जिंदा लास बनकर हरपल  मरू.....

  पढ़े -रुकना कभी आता नहीं 

"प्राण जाये पर वचन ना जाए "सार्थक करू ....

या फिर अपने ही वचनो से मुकर जाऊ ..... 

   पढ़े - करना तो है काफी 

करने जैसा तो है काफी कुछ .....

पर अच्छा करू या सही करू....

Hardik Gandhi

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