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तुमसे वादा किया निभाना है । दूर होकर वफ़ा लुटाना है । तुम क्यों हालात से डरे दिलबर, सांसों में क्या नहीं घुलाना है । दीवानगी का सुरूर - 2 दीवानगी का सुरूर - 3 कब्र पर मेरी गुल चढाना तू, और रुह को मेरी हँसाना है। खाक में मिल गयी मेरी हस्ती , फिर भी हर बोझ को उठाना है । तप गया है ये दिल मेरा अब तो , जंग जीवन का जीत जाना है । इश्क़ मेरा विकलांग नहीं - 1 इश्क़ मेरा विकलांग नहीं - 2 इश्क़ मेरा विकलांग नहीं - 3 काट कर पर को उड़ने तू कहते, बोल क्या और आजमाना है । सपने मत देख अब यशी कोई , दिल का दीया तुझे बुझाना है ।
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