तुमसे वादा किया निभाना है ।
दूर होकर  वफ़ा लुटाना है ।
तुम क्यों हालात से डरे दिलबर,
सांसों में क्या नहीं घुलाना है ।
दीवानगी का सुरूर - 2
दीवानगी का सुरूर - 3
कब्र पर मेरी गुल चढाना तू,
और रुह को मेरी हँसाना है।
खाक में मिल गयी मेरी हस्ती ,
फिर भी हर बोझ को उठाना है ।
तप गया है ये दिल मेरा अब तो ,
 जंग जीवन का जीत जाना है ।
इश्क़ मेरा विकलांग नहीं  - 1
इश्क़ मेरा विकलांग नहीं - 2
इश्क़ मेरा विकलांग नहीं - 3
काट कर पर को उड़ने तू कहते,
बोल क्या और आजमाना है  ।
सपने मत देख अब यशी कोई ,
दिल का दीया तुझे बुझाना है ।

Radha Yshi

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