जुल्फों में सोने दे - 1 --- जुल्फों में सोने दे - 2 --- जुल्फों में सोने दे - 3 --- जुल्फों में सोने दे - 4
गतांक से आगे
सुहानी ने देखा मम्मी पापा दोनों परेशान होकर चहलकदमी कर रहे । सुहानी को देखकर उन्होंने बेचैनी से पूछा -"सुहानी आज इतनी देर हो गई! "
हां पापा मेरी बस मिस हो गई थी सुहानी ने कहा
आज शाम को ही बस वालों ने हड़ताल कर दिया था पीछे से शेखर ने कहा तभी कोई बस नहीं मिली! "
शेखर को देखकर पापा के चेहरे पर प्रश्न आए तो सुहानी ने कहा पापा ये एक डाक्टर हैं मुझे परेशान देखकर ड्राप करने आ गए । ये चमगादड़ तो जबरदस्ती आ गए ऐसा सुहानी ने दिल में सोचा केवल, और झुंझलाती रही ।
जी अंकल जी सुहानी ने मुझे आंटी के हाथ की चाय पीने की ऑफर किया तो यहाँ तक चला आया ।
ये सुनकर राजवीर जी ने कहा ठीक है बेटा आप चाय पीकर जाना । फिर सुहानी की मम्मी चाय बनाने चली गई और डाक्टर शेखर राजवीर सिंह से सोफे पर बैठकर बातें करने लगा ।
सुहानी भी अपने कमरे में चली गई ।जुल्फों में सोने दे - 1 --- जुल्फों में सोने दे - 2 --- जुल्फों में सोने दे - 3 --- जुल्फों में सोने दे - 4
चाय की ट्राली लेकर सुहानी आई तो शेखर के होठों पर मुस्कान रींग गई ये देखकर सुहानी का दिल चाहा गर्म गर्म चाय उसके चेहरे पर उड़ेल दूं लेकिन बर्दाश्त कर रही थी । चाय पीकर शेखर जाने लगा तो अंकल आंटी दोनों ने कहा बेटा आते रहना अपना ही घर है ।
हां जरूर चाय इतनी मजेदार बनाती है आंटी कि बार बार आने को दिल चाहेगा । फिर मुस्कुराते हुए शेखर चला गया ।
राजवीर सिंह और हिना सिंह दोनों को ही शेखर बहुत पसंद आए ।
राजवीर सिंह अपने कमरे में चले गए तो हिना सिंह ने कहा शेखर वाकई बहुत अच्छा लड़का था ।
मम्मी आपको तो हर कोई अच्छा लगता है ।
मुझे तो कहीं से भी ये डाक्टर नहीं लगता ऐसा लगता है कि जैसे कोई लफंगा हो । जब भी मुझे देखता है घूरने लगता है मुंह सिकोड़ते हुए सुहानी ने कहा तो हिना सिंह को हंसी आ गयी । नहीं बेटा ये तेरी गलतफहमी है वाकई वो नेचर का अच्छा लगा ।
ठीक है ममा रहने दो अच्छा हो या बुरा हमें क्या लेना देना उससे ।
फिर सुहानी सोने चली गई ।
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डाक्टर शेखर को आज बहुत खुशी मिली सुहानी के घर जाकर मन ही मन ईश्वर को धन्यवाद दिया ।
पर सुहानी को वो जब भी देखता तो देखते ही रह जाता इस वजह से शायद सुहानी उसे सड़क छाप आशिक समझने लगी थी जबकि वो ऐसा कतई नहीं था । वो खुद नहीं समझ पा रहा था आखिर ऐसा क्यों हो जाता है उसके साथ । एक डाक्टर होकर ऐसी हरकत कोई भी देखता तो उससे नफरत ही करता ।
वो तो चुपके से हर शाम को उसके घर के आसपास चक्कर लगा लेता था गाड़ी में बैठकर ।
एक दिन उसका पीछा करते करते उसका घर पहचान गया था तभी आज बिना बताए उसके घर के सामने गाड़ी रोक दिया ।
जब भी शेखर को टाइम मिलता सुहानी के ऑफिस और घर का एक चक्कर लगा लेता ।
आजकल सुहानी के ऑफिस में काम बढ़ गया था उसे तो आराम करने के लिए भी टाइम नहीं मिल पाता ।जुल्फों में सोने दे - 1 --- जुल्फों में सोने दे - 2 --- जुल्फों में सोने दे - 3 --- जुल्फों में सोने दे - 4
राजवीर सिंह आज बहुत खुश थे क्योंकि अमेरिका से उनका दोस्त जो कि एक सफल बिजनेसमैन था अपने बेटे को लेकर दिल्ली आया था तो राजवीर जी को फोन किया यार तुमसे मिलने आ रहा हूं भाभी जी से कहना गाजर का हलवा मेरे लिए बनाकर रखे ।
आने का मकसद जब उसने बताया तो राजवीर जी के खुशी का पारावार नहीं रहा ।
जब उन्होंने अपनी पत्नी से कहा तो उसका भी चेहरा खिल उठा ।
शाम को जब सुहानी घर आई तो हिना सिंह ने कहा तेरे पापा के बचपन के दोस्त आ रहे हैं कल तुम ऑफिस से छुट्टी ले लो ।
फिर सुहानी ने आफिस में छुट्टी का इमेल बास को सेंड कर दिया छुट्टी मिल गई थी उसे ।
राजवीर सिंह और हिना सिंह दोनों बेसब्री से उनका इन्तज़ार कर रहे थे ।
सुहानी ने जब सफेद रंग की सलवार कमीज पहनी तो उसकी ममा ने टोक दिया ये क्या सुहानी जाओ पिंक कलर वाली प्रिंटेड सूट जो है वही पहन लो और हां हल्का सा मेकअप कर लो । माना कि तुम खूबसूरत हो मगर फिर भी मेकअप कर लो ।
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ममा ये क्या आपको पता है ना मेकअप करना मुझे बिल्कुल पसंद नही है । झुंझला गयी सुहानी मन मारकर थोड़ा सा मस्कारा और आई लाइनर लगायी और हल्के पिंक कलर की लिपस्टिक ।
जब बाहर आई सुहानी तो देखा लान में एक ग्रेसफुल व्यक्तित्व का मालिक बैठा है और एक खूबसूरत सी आंटी साथ ही एक खूबसूरत नौजवान जो दिखने में विदेशी लग रहा था ।
राजवीर सिंह ने बेटी को पास बुलाया शर्माते हुए सुहानी ने अंकल के पैर छुए । हिना सिंह सुहानी को देखकर खुश हो गयी किसी तरह ही सही वो मेकअप तो की थी और बहुत प्यारी लग रही थी ।
अंकल ने कहा वाह राजवीर इतनी खूबसूरत बिटिया को छिपाकर बैठे हो आज से ये खूबसूरत सी बेटी मेरी बेटी है आंटी भी मुस्कुरा रही थी सुहानी ने देखा ।
वो खूबसूरत सा लड़का भी बेहद खुश नजर आ रहा था । अंकल ने कहा राजवीर कल मंगनी कर लेते हैं एक माह बाद शादी । ये सुनकर सुहानी का वहाँ बैठना मुश्किल हो गया और वह शर्माकर अंदर चली गई ।
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