रुकना नहीं है अब . . . अपने पैरों को समझा दो, अपने मन को मना दो। कि रुकना नहीं है अब, कि झुकना नहीं है अब। हरेक दर...
माँ का प्यार . . . तुने मुझको इतना दुलारा, हूँ मैं तेरा सबसे प्यारा। भूखे पेट कभी तुने सोने नहीं दिया मुझको, ख़ुद आँसू बहा ली मगर ...
हार मत मानना . . . तू गिर गया तो क्या? उठकर चलना सिख। कब तक दूसरों का इतिहास पढ़ेगा? अब ख़ुद अपना इतिहास लिख। अपना जीवन गुजार मत, दूसरों ...
मैं यह ठान लिया हूँ . . . कुछ अलग करना है अब मुझे, मैं यह ठान लिया हूँ। अभी पहुंचा नहीं हूँ मंजिल पर, अभी तो बस उड़ान लिया हूँ। कोई साथ नहीं ...
ऐ राही! तू चलता जा . . . ऐ राही! तू मेरी बात सुन, अपनी राह तू ख़ुद चुन। जितनी बार तु गिरे, उतनी बार तू संभलता जा, ऐ राही! तू चलता जा। जैसे सू...
सफलता . . . जो गिरते ही फूट जाए, वो मिट्टी का घड़ा नहीं हूँ। हां, गिरा मैं जरूर हूँ, परंतु मैं हारा नहीं हूँ। अपनी कठिनाइयों से स्वयं लड़ूं, इ...
आज़ादी- कश्मीर और नागालैंड 75 वर्ष हो चुके आज़ादी के, फिर भी तिरंगे को लेकर सवाल क्यों? एक देश में एक ही झंडा हो, फिर कश्मीर और नागालैंड मे...
जीवन: एक संघर्ष . . . अपने जीवन की कठिनाइयों से, हर पल मैं लड़ता हूँ। जीत-पराजय का सामना करता, मानो एक-एक पल मैं जीता और मरता हूँ। आस-पास...
हिन्दी से प्यार कीजिए . . . हमारे राष्ट्र भाषा को अधिकार दीजिए। मिठी स्वर में बोलकर हिन्दी को सवाँर दीजिए। जितना प्यार करते हो भारत मा...
जन्म लिया हूँ भारत में . . . जन्म लिया हूँ भारत में, कर्ज़ मुझे चुकाना है. ये कर्ज़ नहीं, फर्ज़ है, और फर्ज़ मुझे निभाना है. अपने म...